Have questions and need help?
support@ebooks2go.com

Man Ki Parchhai(Hindi)

Overview

Publisher
Prowess Publishing
Released
February 22, 2022
ISBN
9781545755181
Format
ePub
Category
Poetry

Book Details

पुनीत मिश्रा द्वारा लिखित कविता संग्रह "मन की परछाई" वास्तव में मन में उत्पन्न हुए विचारों, भावनाओं और संवेदनाओं का कागज पर शब्दों में उतारा हुआ एक प्रतिबिंब है, एक परछाईं है। एक बीज की भाँति एक रुचि ने मन की मिट्टी में बस कर, वर्षों के अनुभवों से सिंचकर अब इस कविता संग्रह का रूप लिया है। "मन की परछाई" में हिंदी कविताओं,गज़लों और नज्मों के माध्यम से कवि अपने पाठकों का उनके अपने अंतस के उन पहलुओं के साथ साक्षात्कार कराना चाहता है जो बड़े समय से उपेक्षित है या शायद जो कभी शब्दों में अभिव्यक्त नहीं हो पाए। ये रचनाएँ संशय, विरोध, क्रोध, संघर्ष, प्रेम, विरह, वेदना, सम्मान, विश्वास, ठहराव इत्यादि मन:स्थितियों के इर्द गिर्द बहती है और संभवत: यही इनका आकर्षण है।

Author Description

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में जन्मे पुनीत मिश्रा ने अपनी स्नातक तकनीकी शिक्षा कमला नेहरू प्रौद्योगिकी संस्थान सुलतानपुर से एवं स्नातकोत्तर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर से 2001 में पूरी की। वर्तमान में यह एक सॉफ्टवेर कंसल्टिंग एमएमसी में कार्यरत हैं और गुडगाँव के निवासी हैं।अपनी शिक्षा के बड़े ही प्रारंभिक समय से इन्हें हिंदी साहित्य विशेषकर कविताओं के प्रति बड़ी गहन रुचि रही है और कम आयु में ही इन्हें कई मंचों से कविता पाठ करने का अवसर मिला। कभी समकालीन विषयों पर अपने विचारों को रखती तो कभी भावुक हृदय की गहराइयों से जन्म लेती इनकी कविताएं जटिल मानवीय भावनाओं और संवेदनाओं को भी बड़ी सहजता से शब्दों के ताने बाने में प्रतिबिंबित करती हैं। अध्यात्म साहित्य में भी रूचि रखते हुए ये वेद उपनिषद इत्यादि का नियमित पाठन करते हैं और इनका ये झुकाव कुछ कविताओं में भी दृष्टिगत होता है। कविताओं के अलावा पुनीत चित्रकला में भी दक्ष हैं और कई माध्यमों में पेंटिंग करते हैं जो दर्शकों को बहुत भाती हैं।

Read this book in our EasyReadz App for Mobile or Tablet devices

To read this book on Windows or Mac based desktops or laptops:

Recently viewed Books

Help make us better

We’re always looking for ways to improve. If you’ve got feedback or suggestions about how we can do better, we’d love to hear from you.

Note: If you’re looking to solve a problem with your URMS eReader, app, or purchase, visit our Help page, or submit a help request.

What is the purpose of your visit?
Did you accomplish your goal?
Yes No
Where can we improve?
Your comments*